‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ के बावजूद प्रशासन मौन, ठेकेदार की लापरवाही से बिगड़े हालात
धनोप/फूलिया कलां।
ग्राम पंचायत धनोप के राजस्व गांव जोरा का खेड़ा और नंदा का खेड़ा को राजस्व ग्राम घोषित हुए काफी समय हो चुका है, लेकिन आज भी दोनों गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। ग्रामीणों का मुख्य मार्ग पंचायत मुख्यालय से जुड़ता है, लेकिन उस पर सिर्फ बड़ी-बड़ी गिट्टियां बिछाकर कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है।
23 अगस्त 2024 को सड़क निर्माण पूर्ण करने की तय तारीख थी, लेकिन आज तक कार्य अधूरा पड़ा है। ठेकेदार द्वारा मनमर्जी से काम बंद कर देने से ग्रामीणों को पैदल चलना और वाहनों से आना-जाना बेहद कठिन हो गया है। पढ़ाई के लिए धनोप आने वाले छात्र-छात्राएं और दैनिक ज़रूरतों के लिए आने-जाने वाले ग्रामीण सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
ग्रामीणों ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का नारा देकर बहिष्कार किया था। चुनाव के बाद प्रशासन ने सड़क निर्माण का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ।
शिक्षा व्यवस्था भी बदहाल
जोरा का खेड़ा में एकमात्र प्राथमिक विद्यालय और नंदा का खेड़ा में उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं, लेकिन दोनों भवनों की हालत खराब है। बरसात में पानी टपकने के कारण विद्यार्थी बाहर बैठने या घर रहने को मजबूर हैं। भवन की जर्जर स्थिति कभी भी हादसे को न्योता दे सकती है।
श्मशान तक का रास्ता भी नहीं रिकॉर्ड में
जोरा का खेड़ा गांव में श्मशान तक जाने वाला रास्ता राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को अवगत कराया लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द हस्तक्षेप की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।