मांडल। कस्बे में करोड़ों रुपये की लागत से नगर विकास न्यास द्वारा बनाए गए डिवाइडर अब सौंदर्यीकरण के बजाय बदसूरती की पहचान बनते जा रहे हैं। फूलों और पौधों से सजाने की योजना के तहत निर्मित डिवाइडर आज अंग्रेजी कंटीली झाड़ियों का अड्डा बनकर रह गए हैं।

मांडल–ब्यावर सड़क मार्ग और मांडल–भीलवाड़ा मार्ग पर बने डिवाइडर, जो BSNL कार्यालय तक फैले हुए हैं, सौंदर्यीकरण के नाम पर लगाए गए थे। डिवाइडरों में पौधे और फूल भी रोपे गए थे, लेकिन देखरेख के अभाव में वे सूख गए और उनकी जगह झाड़ियां पनप गईं।

सामाजिक कार्यकर्ता एवं विधायक के नजदीकी बद्रीलाल सुथार ने बताया कि राजनीतिक उपेक्षा के चलते करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद कस्बे को वांछित स्वरूप नहीं मिल सका। सड़क किनारे धूल-मिट्टी जमी होने से वाहनों के गुजरते ही धूल के गुब्बार उड़ते हैं, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थिति यह है कि आए दिन हादसे भी घटित हो रहे हैं।

उन्होंने मांग की कि संबंधित विभाग तत्काल कार्यवाही कर डिवाइडरों का वास्तविक स्वरूप बहाल करे, ताकि ऐतिहासिक नगरी मांडल को नई पहचान मिल सके।
गौरतलब है कि ये डिवाइडर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में मांडल विधायक रामलाल जाट की अनुशंसा पर नगर विकास न्यास द्वारा निर्मित करवाए गए थे। “कन्स्ट्रक्शन एंड वाइडनिंग ऑफ मेन रोड इन मांडल टाउन (फेज-1)” के तहत इस कार्य पर लगभग 70,06,038 रुपये खर्च किए गए थे।