काछोला। काछोला-रलायता से मानपुरा-महुआ मार्ग पर अवैध बजरी परिवहन का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। खनिज विभाग की उदासीनता और कार्रवाई के अभाव में बजरी माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि अब दुर्घटनाएँ आम बात बन गई हैं। दिन में सन्नाटा और रात में धूल उड़ाती ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की आवाजाही इस पूरे क्षेत्र की नींद उड़ा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि बिलिया, पदमपुरा, रलायता, केसरपुरा, मानपुरा और गोपालपुरा के रास्तों से तेज रफ्तार से दौड़ते ट्रैक्टर न केवल सड़क हादसों का खतरा बढ़ा रहे हैं, बल्कि गांवों की शांति भी भंग कर रहे हैं।

सबसे चिंताजनक स्थिति राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मानपुरा के आसपास देखने को मिलती है, जहां रोज़ाना सैकड़ों स्कूली बच्चों को इन बेतहाशा दौड़ती ट्रॉलियों के बीच से गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि अलसुबह और देर रात चोरी-छिपे बजरी से भरे ट्रैक्टर निकाल रहे हैं।
बनास नदी के किनारे स्थित पदमपुरा, बिलिया, रलायता सहित आसपास के कई गांवों में अवैध बजरी भंडारण खुलेआम किया जा रहा है। बावजूद इसके, खनिज विभाग और प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।
