भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर 15 नवम्बर तक जिले में होंगे खास आयोजन

BHILWARA
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जनजाति गौरव वर्ष के तहत जनजातीय संस्कृति, परम्परा का होगा व्यापक उत्सव –

भीलवाड़ा, 05 नवंबर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेशभर में भगवान बिरसा मुंडा जयंती के उपलक्ष्य में 1 से 15 नवम्बर 2025 तक जनजातीय गौरव वर्ष के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद चंद्रभान सिंह भाटी ने बताया कि सभी गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी है।

जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू ने आयोजन की तैयारियों को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों को तैयारियों एवं आवश्यक व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य जनजातीय समाज की गौरवशाली परम्पराओं, संस्कृति और वीर नायकों के योगदान को जन-जन तक पहुंचाना है।

15 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत राज्यभर में विविध सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सामाजिक कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी, जिसके तहत  जनजातीय संस्कृति, परंपरा एवं कला विषयक चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन, सैचुरेशन ड्राइव के अंतर्गत जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों तक पहुँचाने के लिए शिविरों का आयोजन होगा।
विद्यालयों की प्रार्थना सभाओं में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन एवं योगदान पर आधारित भाषण, निबंध, गीत और चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन आदि सम्मिलित है।

7 नवम्बर को कृषकों की संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा तथा विभागीय गतिविधियों, योजनाओं एवं भगवान बिरसा मुण्डा की जीवनी पर प्रकाश डाला जाएगा। 8 नवंबर को राजीविका के माध्यम से वनधन विकास केन्द्रो पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे।
इसी प्रकार 15 नवंबर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि राजस्थान की जनजातीय परम्परा हमारे सामाजिक ताने-बाने की आत्मा है। भगवान बिरसा मुंडा जैसे महानायक हमारे प्रेरणा स्रोत हैं, जिनसे समर्पण, संघर्ष और स्वाभिमान की भावना सदैव जीवित रहेगी।

जनजातीय गौरव वर्ष के तहत होने वाले कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए सभी संबंधित विभागों एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं ताकि राज्यभर में जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जन-जागरूकता का व्यापक प्रसार किया जा सके।
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