अंता विधानसभा उपचुनाव में सीएम भजनलाल शर्मा की एंट्री होने जा रही है। चुनाव प्रचार थमने से चार दिन पहले यानी गुरुवार को सीएम का अंता में रोड शो होगा। सीएम के रोड शो के लिए विशेष रथ तैयार किया गया है।
इस रथ पर सीएम के साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, सांसद दुष्यंत सिंह और प्रत्याशी मोरपाल सुमन भी सवार होंगे। ऐसा करके पार्टी चुनाव में एकजुटता का संदेश भी देना चाहती है।

दरअसल, अंता उपचुनाव में बीजेपी ने टिकट देने में देरी की थी, जिसने पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं होने की सियासी चर्चाओं को जन्म दे दिया था। विपक्ष भी लगातार बीजेपी पर कई गुटों में बंटे होने का आरोप लगाता आया है।
अंता में 11 नवंबर को वोटिंग होगी और 14 नवंबर को रिजल्ट आएगा। यहां बीजेपी के मोरपाल सुमन के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय नरेश मीणा हैं।
मांगरोल से सिसवाली तिराहे तक होगा रोड शो
सीएम भजनलाल शर्मा गुरुवार दोपहर 12 बजे मांगरोल पहुंचेंगे। मांगरोल में सुभाष चौक से आजाद चौक होते हुए सिसवाली तिराहे तक उनका रोड शो होगा।
इस रोड शो में जगह-जगह ढोल-नगाड़ों और पुष्पवर्षा से कार्यकर्ता सीएम का स्वागत करेंगे। सीएम भजनलाल शाम 4 बजे तक मांगरोल में रहेंगे। यहां वे मौजूद नेताओं के साथ चुनावी चर्चा भी कर सकते हैं।
एक दिन पहले हुई थी वसुंधरा राजे की एंट्री
बीजेपी में प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद से 3 नवंबर तक कोई भी बड़ा नेता प्रचार के लिए अंता नहीं गया था। केवल बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ एक बार अंता पहुंचे थे।
मंगलवार को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अंता में चुनाव प्रचार की कमान संभाली। उन्होंने सीसवाली मंडल और अंता शहर मंडल के कार्यकर्ताओं की बैठक ली।

इससे पहले वसुंधरा के बेटे और झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह ही क्षेत्र में पार्टी का प्रचार कर रहे थे।
‘मेरे पर कर्ज है, जिसे चुकाना है’
वसुंधरा राजे ने प्रचार के दौरान कहा था- मोरपाल के पीछे मैं और दुष्यंत खड़े हैं। मोरपाल चुनाव जीतेंगे तो जनता के तीन प्रतिनिधि होंगे, जिससे जो काम अभी तक लोकल होने की वजह से नहीं हो पाते थे, वो आसानी से हो सकेंगे। राजे ने कहा था-
अब मैं भी ध्यान रखूंगी, मेरे पर बहुत बड़ा बोझ है। एक तरीके से कर्ज है, जिसे मुझे चुकाना हैं। जो मैंने कहा है, वो मुझे करके दिखाना होगा।
उन्होंने कहा था कि यह चुनाव जन-बल और धन-बल के बीच हैं। एक तरफ जनता और एक तरफ पैसों की ताकत है। जन-बल हमारे साथ है और हमेशा मैंने देखा है कि जीत जन-बल की ही होती है।
