कांग्रेस में फूटा ‘लेटर बम’: कांग्रेस अध्यक्ष को पीसीसी चीफ समेत 5 लोगों के खिलाफ लिखा शिकायती पत्र लीक

BHILWARA
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चित्तौड़गढ़ ।चित्तौड़गढ़ की राजनीति में तहलका मच गया है। कांग्रेस पार्टी का ‘अंदरूनी मेल’ सोशल मीडिया पर लीक होते ही जैसे आग में घी डाल दी गई। पार्टी के ही वरिष्ठ नेता के नंबर से भेजा गया पत्र, जो अंग्रेज़ी में था और बिना किसी हस्ताक्षर के था, अब जिले के हर कार्यकर्ता और नेता के बीच वायरल हो गया है।

पत्र में आरोप इतने गंभीर हैं कि पार्टी की छवि पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इसमें कहा गया है कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का एक सदस्य अपने आर्थिक बल और राजनीतिक कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए अपने मनमाने प्रभाव से जिला और प्रदेश स्तर पर पदाधिकारियों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है। इसमें कथित रूप से भ्रष्टाचार, धनबल का दुरुपयोग और व्यक्तिगत लाभ के लिए अधिकारियों को प्रलोभन देने की बात सामने आई है।

विशेष रूप से पत्र में प्रदेश अध्यक्ष के निजी सचिव, पीसीसी महासचिव और संगठन मंत्री का नाम लेते हुए उन पर आर्थिक पैकेज और कार देने का आरोप लगाया गया है। इसे ‘पार्टी के ही अंदरूनी साजिश’ के तौर पर देखा जा रहा है।


चित्तौड़गढ़ में कांग्रेस पहले से ही गुटों में बंटी हुई है। जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर गुटबाजी अब पूरी तरह उजागर हो गई है। पूर्व विधायक सुरेंद्रसिंह जाड़ावत, पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना, महिला जिलाध्यक्ष नीतू कंवर भाटी और अन्य नेताओं के समर्थक गुट खुलकर अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं दलित और आदिवासी वर्ग के लिए पैरवी करने वाले गुट भी पीछे नहीं हैं।

जिला अध्यक्ष पद की घोषणा बस कुछ ही दिन दूर है और ऐसे में यह लीक पत्र ‘लेटर बम’ साबित हुआ है। कांग्रेस के अंदरूनी खेल ने साफ कर दिया है कि पार्टी अब केवल पद और सत्ता की लड़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और आर्थिक भ्रष्टाचार की लड़ाई में बदल गई है।

चित्तौड़गढ़ की कांग्रेस में अब वही माहौल है जो एक आंतरिक राजनीतिक तूफान का संकेत देता है। पार्टी के लिए सवाल यह है कि क्या इस आंतरिक युद्ध में कोई नैतिक और जवाबदेह नेतृत्व बचेगा, या पूरी पार्टी इस गुटबाजी और भ्रष्टाचार के घेराव में दब जाएगी।