मुख्यमंत्री से मुलाक़ात में मांडलगढ़ विधायक खण्डेलवाल की बड़ी पहल : बिजौलिया उपखंड विलोपन पर लगा विराम, मुख्यमंत्री ने कहा यथावत रहेगा उपखंड

BHILWARA
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बिजौलिया।
मांडलगढ़ विधायक गोपाललाल खण्डेलवाल ने गुरुवार को जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से विशेष मुलाक़ात कर क्षेत्रवासियों की चिंताओं से अवगत कराया। उपखंड बिजौलिया को विलोपित किए जाने की फैल रही अफवाहों के बीच विधायक ने स्वयं पहल करते हुए मुख्यमंत्री को विस्तृत पत्र सौंपा और इस मुद्दे पर त्वरित हस्तक्षेप की मांग की।

विधायक ने मुख्यमंत्री के समक्ष बताया कि राज्य प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन सलाहकार समिति के एक पत्र के बाद क्षेत्र में यह भ्रम तेजी से फैल गया है कि बिजौलिया उपखंड को समाप्त किया जा सकता है। इस भ्रामक सूचना ने आमजन में असंतोष बढ़ा दिया है और विरोध प्रदर्शनों का माहौल बन रहा है, जिससे सरकार की सकारात्मक छवि प्रभावित हो रही है।

उन्होंने मुख्यमंत्री को विस्तार से बताया कि वर्ष 2010 में उपखंड बिजौलिया की स्थापना से आमजन को बड़ी राहत मिली थी। पहले लोगों को 50 किमी दूर मांडलगढ़ या 100 किमी दूर भीलवाड़ा जिला मुख्यालय जाना पड़ता था, जबकि अब अधिकांश प्रशासनिक कार्य स्थानीय स्तर पर ही निपट जाते हैं। क्षेत्र खनन प्रधान, भौगोलिक रूप से दुर्गम और विकास के लिहाज़ से पिछड़ा होने के कारण उपखंड कार्यालय का यथावत रहना जनहित में अत्यंत आवश्यक है।

विधायक की इस पहल और जनभावनाओं को समझते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उन्हें आश्वस्त किया कि बिजौलिया उपखंड को विलोपित करने जैसी कोई प्रक्रिया प्रदेश सरकार चला ही नहीं रही है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसान आंदोलन की इस ऐतिहासिक भूमि पर स्थित उपखंड कार्यालय पूरी तरह यथावत रहेगा। इसे हटाने या कहीं स्थानांतरित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

मुख्यमंत्री के इस सीधे और ठोस आश्वासन के बाद विधायक गोपाललाल खंडेलवाल ने कहा कि यह जानकारी क्षेत्रवासियों के लिए अत्यंत राहतकारी है और इससे फैली भ्रांतियाँ अब समाप्त होंगी। उन्होंने क्षेत्र की जनता को भरोसा दिलाया कि वे आगे भी जनहित के मुद्दों पर सतत रूप से कार्य करते रहेंगे और हर आवश्यक मंच पर उनकी आवाज़ मजबूती से उठाते रहेंगे। इस दौरान विधायक के साथ जिला परिषद सदस्य हरी लाल जाट, नंदराय पूर्व मंडल अध्यक्ष सुरेश पाराशर एवं दोलपुरा ग्राम पंचायत प्रशासक रामजस दाधीच उपस्थित रहे ।