छतरियां बावड़ी के नाम से प्रसिद्ध है शिव धाम , आकोला में एक शिला पर बनी है शिवलिंग की प्राचीन मूर्ति

BHILWARA
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आकोला( रमेश चंद्र डाड)कस्बे में बनास नदी किनारे स्थित छतरियां बावड़ी के नाम से प्रसिद्ध है शिव धाम। स्थानीय निवासी विनोद असावा ने बताया कि भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर आकोला गांव में ( शाहपुरा बेगू) मार्ग पर बनास नदी किनारे स्थित शिव मंदिर को पुराने नाम से छतरियां बावड़ी के नाम से जाना जाता है। मंदिर के इतिहास के बारे में बताया जाता है कि यह शिवलिंग एक बडी शिला पर बना हुआ है। जो प्राचीन काल से बनास नदी के किनारे स्थापित था ।आज के 100 वर्ष पूर्व समाजसेवी शिव नारायण अग्रवाल ने इस शिवलिंग पर एक छतरी बनाई और पास में ही एक पानी की बावड़ी थी तब से इसका नाम छतरियां बावड़ी पड़ गया।

बदलते समय में यहां पर संत महात्माओं ने अपना डेरा जमाया जिसमें रामकिशोर दास जी महाराज ,केशव जी महाराज, जागेश्वर दास जी महाराज, रामलला दास जी महाराज, उपमन्यू दास जी महाराज तथा वर्तमान में महंत रामस्नेही दास जी महाराज के सानिध्य में इस मंदिर की सेवा पूजा अर्चना का कार्य चल रहा है। और एक भव्य शिखर मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। इससे पूर्व शिवलिंग को मंदिर प्रांगण में स्थापित किया गया है। मंदिर निर्माण कार्य पूर्ण होने पर फिर से निज मंदिर में स्थापित किया जाएगा। आने वाले समय में इस स्थान की भव्यता को चार चांद लगायेगा। महंत ने बताया कि हर वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर,वैशाख माह ,सावन माह व नवरात्रि महोत्सव, दीपावली पर्व,, गुरु पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ती है।