Rajasthan Politics: बारां जिले की अंता विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतकर आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद कुमार जैन भाया आज विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे।
राजस्थान की राजनीति में, खासकर कांग्रेस के लिए आज यानी 25 नवंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण दिन है। बारां जिले की अंता विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतकर आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद कुमार जैन भाया आज विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। उनके शपथ लेते ही 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस का आधिकारिक संख्या बल 66 से बढ़कर 67 हो जाएगा।
भाया स्पीकर चैंबर में लेंगे शपथ
शपथ ग्रहण समारोह सुबह 11 बजे विधानसभा भवन स्थित स्पीकर चैंबर में होगा। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी स्वयं प्रमोद जैन भाया को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। यह एक औपचारिक कार्यक्रम होगा, जिसमें कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सहित कई वरिष्ठ विधायक इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
दरअसल, प्रमोद जैन भाया कोई नए चेहरा नहीं हैं। अशोक गहलोत सरकार में वे खान, गोपालन एवं गो-संवर्धन विभाग के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। बारां क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ रही है। हाल ही में हुए उपचुनाव में उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार को 15,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराकर कांग्रेस के लिए यह महत्वपूर्ण सीट बचाई।

राजस्थान विधानसभा का मौजूदा गणित
कुल सीटें: 200
भाजपा एवं सहयोगी: 118 (बहुमत अभी भी सुरक्षित)
कांग्रेस: 66 (भाया के बाद 67)
अन्य (बसपा, BAP, RLD, निर्दलीय आदि)
इससे पहले उपचुनावों में बीजेपी ने झुंझुनू, खींवसर, देवली-उनियारा, रामगढ़ सहित कई सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, अब अंता सीट पर भाया की जीत ने यह साबित कर दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कांग्रेस की जमीन अभी बरकरार है।
कांग्रेस को सदन के अंदर मिलेगी मजबूती
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाया जैसे अनुभवी और आक्रामक नेता की वापसी से सदन के अंदर विपक्ष की रणनीति में तेजी आएगी। खनन माफिया, अवैध खनन, गो-संरक्षण कानून में बदलाव जैसे संवेदनशील मुद्दों पर वे सरकार को लगातार कठघरे में खड़ा कर सकते हैं। साथ ही, बारां-हाड़ौती क्षेत्र के विकास कार्यों की मॉनिटरिंग और स्थानीय मुद्दों को जोर-शोर से उठाने की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर होगी।
कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि आने वाले दिनों में सदन में विपक्ष और मुखर होगा। अविश्वास प्रस्ताव से लेकर ध्यानाकर्षण और स्थगन प्रस्ताव तक, हर संसदीय हथियार का इस्तेमाल किया जाएगा। दूसरी ओर भाजपा इसे महज एक सीट की जीत बता रही है और दावा कर रही है कि उसका बहुमत पूरी तरह सुरक्षित है।
