बिजौलिया। कस्बे की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल छोटा दरवाजा इन दिनों बदहाल स्थिति में है। बीते दिनों हुई बारिश के बाद इसकी छत की पट्टियों में गहरी दरारें पड़ गई हैं, वहीं एक पिलर बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर ढहने की कगार पर है। स्थानीय लोगों ने चेताया है कि यदि समय रहते मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ, तो यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

यह दरवाजा न केवल शहर के इतिहास का गवाह है, बल्कि शहरकोट से अस्पताल, केसरगंज और अन्य प्रमुख मोहल्लों को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग भी है। यही नहीं, दरवाजे के मध्य अष्टभुजाधारी भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर भी श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग यहां दर्शन करने पहुंचते हैं, वहीं महिलाओं द्वारा नियमित रूप से भजन-कीर्तन भी आयोजित किए जाते हैं।

स्थानीय परमेश्वर शर्मा ने बताया कि आने वाले दिनों में जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी जैसे पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इसी रास्ते से गुजरेगी। ऐसे में यदि छत की दरकती पट्टियां अचानक गिर गईं, तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता है।
इनका कहना है
“छोटा दरवाजा की जर्जर स्थिति को देखते हुए नगरपालिका ईओ को मौके का निरीक्षण कर शीघ्र मरम्मत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है।”
— अजीत सिंह राठौड़, उपखंड अधिकारी, बिजौलिया